Lets Hear Some Songs. Click On Play if it does not start on its own ....

Friday, January 30, 2009

Invitation to Dharna Against Legal Terrorism


Is the pain of a mother lesser when her son dies relative to when her daughter dies?

Is the pain of a sister lesser when her brother dies relative to when her sister dies?


Save Indian Family Foundation invites you to a peaceful gathering to protest against the rampant and blatant misuse of pro-women marital laws against men which are resulting in large scale suicides amongst married men.


Our IMMEDIATE Demands ARE :-


1. Clear the Pending cases in the Family Courts ASAP.


2. Allocate more experienced judges and increase the Family Courts.


3. Eliminate all gender biased in marital laws making them Gender Neutral.


4. Implements Checks within the system to prevent misuse of these laws.


5. Stop the treatment Men as FREE ATM MACHINES


6. Provide Services to Curtail High Rate of suicides of married men.


7. Establish National Commission for Men, and


8. Establish Men’s Welfare Ministry,


Please come to the gathering with your friends to share your views and to address the above or any related problems.


Date: 14th February 2009
Time: 9: 30 AM to 2: 00 PM
Venue: In front of Gandhi Statue on M.G. Road, Bangalore
Invitees: All citizens of India.
Proudly Supported by:-


1. Save Family Foundation, Delhi
2. MyNation Foundation, Delhi
3. Gender Human Rights Society, Delhi
4. Rakshak Foundation, Delhi
5. Mother’s and Sister’s Initiative, Delhi
6. Protect Indian Family Foundation, Mumbai
7. Indiya Kudumba Pathukappu Iyakkam Chennai
8. All India Forgotten Women, Hyderabad
9. Rishtey, Hyderabad
10. Save Indian Family Foundation, Nagpur
11. Bharat Bachao Sangathan, Kolkata.

Volunteers you may Contact:
Virag - 99863 78801 (English)
Panduranga Katti - 94328 53272 (English)
Shiva Shankara - 97431 83369 (Kannada)
Prakash - 98804 36929 (Kannada)
93428 53272

http://www.saveindianfamily.org/ 98451 43274

Wednesday, January 28, 2009

Jahan Seat Seat par

Jahan Seat Seat par Ullu kare re basera
Woh Bharat Desh ka lutera

Jahan Asatya, Hinsa aur Corruption ka laga ho dera
Wahan Kaise Bache Masoom desh yeh mera

Ye Dharti wo jahan thackerey or renuka
Sunate dwesh phal or irshya phool ki mala

jahan har mard ko criminal kehelana ka daar sataata
kyonki uski biwi ke hath me charso athyanve 498a ki dhara

Jahan Suraj sab se pehle aak kar dekhe pollution aur gandgi ka pasera
Bhagwan Ab tum hi bachao woh bharat desh hammara

chor neta hein ees dharti pe chalta janata ke bhagya hai bade bigade
kahin thackerery apni sfot sunata to kahin Renuka lagati Pub Bharne ke Naare
Un dono ke beech me Janata kaise bacche pakistan ke aantak se

Jahan Raag nautanki or pisachi daman ka charo hi aur hai ghera
Bhagwan ke sahara woh bharat desh yeh mera

Jahan Har Parivar eek Mauka hai Aur Har Aurat eek Hathiyar
Kaisa mitaye yeh 498 ka kohram

Bandh karo WCD kyonki yehi Bharat ki Iccha mein Sunaata

Ham Badlenge Ham SIFF ke Bharati Ham Bharatita Janata

Tuesday, January 27, 2009

Shah Jahan ne Taj Mahal Kyon Banaia

ज़ब मैं छोटा लडका था।
टिचर की सब सुनता था॥१

एक दिन टिचर ने ताज़ महल की कहानी सुनाई।
एक सफेद ईमारत की तस्वीर टिचर ने हमें दिखाई॥२

कहा की दुनिया का यह एक अनोख़ा अजुबा है।
दिल्ही के पास आग्रा नाम के शहर मे सदीयों से खडा है॥३

दुनिया भर में इसे प्यार का एक नजराना बतलाया है।
हज़ारों करोडों लोग इसे देखने खिचें चले आते है॥४

सिर्फ देश देशावर के लोगो के लिये ही नहीं।
दुनिया के किसी देश में ताज़ महल अनजाना नहीं॥५

कहतें हैं शाहजहां ने ताज़ महल मुमताज बेगम के लिये बनाया।
टिचर ने ताज़ महल को उनके असिम प्यार की निशानीं समझया॥६

टिचर की कही बातों में हमने अपनीं हाँ भी मिला ली।
टिचर का बोला परीक्षा में लिख कर हमने कक्षा पार कर ली॥७

कभी भी हमे को ई उल्टा सीधां खयाल हमे आया नही।
हम तो बस सीधे सीधे चलने वाले थे छात्र ही॥८

ज़ब् वक्त आया तो एक प्यारी सी दिखने वाली से शादीं भी कर ली।
शादीं के बाद छोटी सी जिन्दगानी भी किरायें के घर में बसा ली॥९

बिंवी के साथ साथ ज़िन्दगी भर रहने का सपना था।
६ साल की कडी मेहनत बाद एक बंगलें पर हमारा भी नाम चढां था॥१०

कभी भी हमे कोई उल्टा सीधां खयाल आया नही।
नौकरी करने वाले थे हम सीधे सीधे राही॥११

फ़िर एक दिन अचानक बिंवी ने मानो कहर मचाया।
बिंवीको एक रोज़ अचानक मुझ पर और बंगलें पर रोष आया॥१२

बिंवी ने मेरे प्यारे बंगलें को ताज़ महल के साथ तोला।
इतने कम प्यार वाले आदमी से तलाक ही चाहुंगी ऐसा उसने बोला॥१३

कुछ ही दिनों में बिंवी के हाथों बंगलें को बिकवा दिया।
तीन तिहाई पैसा बिंवी ने अपने नाम करवा ही लिया॥१४

कुछ ही दिनों में बिंवी के हाथों बंगलें को बिकवा दिया गया।
तीन तिहाई पैसा बिंवी ने अपने नाम करवा ही लिया॥१४

मेरे सारे सपने मेरे देखते तुटे फुटे और सुखे आंसु में बह रहे कहीं।
बिंवी फिर से टोकी: अरे दुःखीं क्युं हो? यह बंगलां ताज़ महल तो नहीं॥१५

उस दिन अकेले बैठ मैनें पहली बार शाहजहां को खुब कोसा।
अगर सामने मिल जाता तो शायद मारा होता एक घुंसा॥१६

गुस्से मैं पुछा क्युं तुमने इतना आलिशान महल बनाया?।
क्या तुम्हे अपने बाद आने वाले मर्दो का खयाल नहीं आया?॥१७

कहा की तुम तो एक शहेनशाह थे।
इतना अलिशान महल बना सकते थे॥१८

हम बेचारे आम आदमी कई साल खुब मेहनत करते रहेते।
बडी मेहनत के बाद मुस्किल से एक् छोटे से घर की deposit जुटाते॥१९

तुम बिल्कुल ही बेदर्द इन्सान हो एक बिंवी का प्यार जताने में।
मुझ जैसे हज़ारों कि जिन्दगी को तुमने दुस्वार कर दिया॥२०

एक् औरत के पिछे हज़ारों आदमी को घायल कर दिया।
ऐसे मैने अपना सारा क्रोध आंसु भरे शब्दो मे बहा के भुला सा दिया॥२१

शाहजहां आखिर कर एक नेक और मेरी सुनने वाला इन्सान निकला।
उसने मेरी दर्द भरी दास्तां सुन तो ली थी पर तब उफ़्फ़ तक नहीं निकाला॥२२

फिर एक दिन शाहजहां ने मुझे मेरे सपने में आकर अपना ज़वाब दिया।
शाहजहां बोले: मेरे प्यारे भाई, तेरी टिचर ने तुझे सही राज़ कभी नहीं सिखाया॥२३

शाहजहां बोले: ताज़ महल सिर्फ़ मुमताज को प्यार जताने के लिये नहीं बनाया था।
मै भी आखिर कर एक आदमी ही तो था. मुझ पर मुमताज का भारीं दबाव था॥२४

मै मुमताज के खर्च करने की आदत से तंग आ गया था।
मै दस साल तक लड कर और कई को मार कर जो दौलत लाया था॥२५

वो सारी दौलत मुमताज के आगे बहुत कम पड गयी।
उसके हाथों कुछ ही सालों में सारी दौलत खत्म सी हो गयी॥२६

तब जाकर शाहजहां आदमी के दर्द को ठीक से समझा था।
इसलिये मुझे दुनिया भर के आदमी को एक पैगाम देना था॥२७

मुझे सुझा दुनिया भर के आदमी के लिये ताज़ महल बनाना।
कहा के भाई देखो, बहुत सस्ता हैं महल बनाना॥२८

कहा के भाई देखो, बहुत आसान हैं महल बनाना।
पर उस से कई गुना ज्यादा खर्च हैं औरत का संग निभाना॥२९